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सरस्वती वंदना

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माँ शारदे! तेरे चरणों मे हम शीश नवाते हैं,
श्रद्धा भाव से हम पुष्पहार चढाते हैं I
आशीर्वाद दो ऐसा सद्भाव उमड़ आए,
दर्शन दो ऐसा, दुर्भाव उड़न हो जाए II
सदमार्ग अपनाएँगे, संकल्प उठाते हैं,
माँ शारदे! तेरे चरणों मे हम शीश नवाते हैं II
यदि दुर्गड़ों पर चले, तो दुत्कार हमे देना,
परमार्थ हम याची है, आशीर्वचन देना II
ज्ञान मार्ग पर चले सब राही, तेरे दर पर आते हैं,
माँ शारदे! तेरे चरणों मे हम शीश नवाते हैं II
वचन हमे दो माँ , यह लोक मुस्कराये,
दिव्य जोत से ये, जीवन जगमगाए II
अभिमान मे न डूबे, ये आशीर्वाद मांगते हैं,
माँ शारदे! तेरे चरणों मे हम शीश नवाते हैं II
शरण तुम्हारी रहते हैं माता, हम बालक तुम्हारे हैं,
इस कर्म भूमि मे माँ, पताका तुम्हारी लहराते हैं,
कुछ भी नहीं अपना, बस ऋढ चुकाते हैं,
माँ शारदे! तेरे चरणों मे हम शीश नवाते हैं II

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