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पॉइंट खसोटता शिक्षक

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देशभर में महाविद्यालयों तथा विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति एवं प्रमोशन के लिए एक नये पाइंट सिस्टम की बड़े जोर शोर से शरुआत की गई है। इस नई व्यवस्था के आने के बाद उच्च शिक्षा में पूरी तरह से उथल-पुथल मच गई है जैसा कि हमारी व्यवस्था है इस पाइंट सिस्टम से किसी भी प्रकार के सुधार की कोई झलक नहीं दिख रही है।

इस नई व्यवस्था का सबसे ज्यादा नकारात्मक प्रभाव क्लास रूम शिक्षा पर पड़ रहा है ड़ेगा। इस व्यवस्था में शिक्षक अपने प्रमोशन एवं व्यक्तिगत लाभ के लिए क्ला रूम पढ़ाई में कम रूचि ले रहे है तथा वे विभिन्न तरीकों से पाइंट बनाने तथा पाइंट बटोरने में जुटे रहते है। इससे क्लास रूम शिक्षा धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है अथवा कम होती जा रही है ।इससे छात्र ट्यूशन एवं प्राइवेट कोचिंग की तरफ आकर्षित होने लगे है ।

इस नई व्यवस्था के लागू होने के बाद शिक्षण संस्थानों पर नौकरशाही की जबरदस्त जड़क होती जा रही है। शिक्षाविदों का स्थान भ्रष्ट नौकरशाह ले रहे है। इससे भ्रष्टाचार को भारी बढ़ावा मिलेगा। शिक्षण संस्थान ज्ञान अर्जित करने के स्थान पर कागज की डिग्री0 बांटने के स्थान मात्र बनकर रह जायेंगे।

इसके साथ ही साथ भ्रष्टाचार को भी भारी बढ़ावा मिल रहा है। पाइंट पाने के लिए सेमिनार, कांफ्रेेस, वर्कशाप, सिम्पोजियन लेक्चर, कार्यक्रम आदि में भाग लेना एक तरह से अनिवार्य हो गया है । इससे जहां सेमिनार, कांफ्रेंस, वर्कशाप, सिम्पोजियम, लेक्चर, कार्यक्रम आदि आयोजन कराने के लिए भली – भरकम धन की आवश्यकता पड़ती है । इस कारन कालिज का पूरा प्रशाशन एंड अधिकांश शिक्षक इसी की व्यवस्था करने के लिए भागते रहते है।

इसी तरह शिक्षकों को भी इनमें भाग लेने के लिए यातायात, आवास, भोजन आदि के लिए धन की आवश्यकता होती है । दोनों ही स्थितियों में धन अथवा संसाधन जुटाने के लिए भ्रष्टाचार में घिरने की पूरी संभावना रहती है । देश की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए भ्रष्टाचार का भय स्वाभाविक है।

इसी प्रकार प्रोजेक्ट कार्य एवं शोध कार्य के भी पाइंट्स होंगे। इससे भी छात्रों की पढ़ाई कम हो जायेगी तथा शिक्षक प्रोजेक्ट एवं शोध कार्यो को पूरा करने, बिल आदि पास कराने के लिए कार्यालयों के चक्कर लगाते रहते है। इससे भ्रष्टाचार को भारी बढ़ावा ​मिल रहा है तथा भाई-भतीजावाद तथा जातिवाद को भी बढ़ावा मिल रहा है । महिलाओं के शोषण के भी रास्ते खुल रहे है ।

इस पॉइंट सिस्टम के आने से रिसर्च, शोध पेपर आदि का स्तर काफी गिर रहा है । आज एन.सी.आर. में ऐसे अनेक गाइड देखे जा सकते हैं तो सौ-सौ शोध करा चुके हैं किन्तु ज्ञान के नाम पर एकदम शून्य हैं। इसी तरह ऐसे अनेक शिक्षक देखे जा सकते हैं जो सैंकड़ों सेमिनार-कांफ्रेस में भाग ले चुके हैं पर ज्ञान के नाम पर शून्य हैं तथा जौली एल.एल.बी. के समान हैं।

इसके साथ ही साथ नौकरशाही-शिक्षकों को परेशान करने के भी हथकंडे अपनाय रही है तथा शिक्षा पर हावी और कब्ज़ा करने के लिए नित्य नए ड्रामा करती रहती है तथा शिक्षकों का हर तरह के शोषण के लिए रास्ता खुलता चला जा रहा है। इससे शिक्षकों में आशा के स्थान पर निराशा बढ़ती जा रही है जिससे की अंतोगत्वा छात्रों का ही भारी नुकसान हो रहा है । इससे दूसरी ओर अच्छे शिक्षकों में पलायन का भी विचार बढ़ता जा रहा है । वैसे ही अब उच्च शिक्षा मेंं प्रतिभा ने आना एकदम बन्द कर दिया है। दूसरे अच्छे शिक्षक पलायन कर जा रहे है । इससे शिक्षण संस्थान कश्मीर-बिहार- बंगाल की भांति अराजकता का केन्द्र मात्र बनकर रह जायेंगे।

सरकार की गलत नीतियों के कारण आज देश की उच्च शिक्षा एकदम बर्बाद हो चुकी है। उसमें प्रतिभा ने आना एकदम बन्द कर दिया है जिस कारण आज सभी शिक्षण संस्थाओं में लगभग पचास फीसदी पद रिक्त पड़े हुए हैं।

बड़ी विडम्बना की बात है कि आज सरकार की गलत नीतियों के कारण देश का कोई भी उच्च शिक्षा संस्थान विश्व के श्रेष्ठ दो सौ श्रेष्ठ वरिष्ठतम संस्थानों की श्रेणियों में नहीं आता है। वहां पाइंट्स सिस्टम से शिक्षा की ओर बर्बादी की नींव रखी जा रही है जहां एक ओर धर्मनिरपेक्षता और सामाजिक न्याय के नाम पर एकदम न्यूनतम स्तर के उम्मीद्वारों की शिक्षक के रूप में नियुक्ति होती है तथा शिक्षण संस्थान वोट बैंक बनाने का मध्य बन गए है वही सरकार शिक्षकों का स्तर सुधारने के नाम पर शिक्षा विरोधी पाइंट सिस्टम लागू करके शिक्षा को समूल नष्ट करके अब उसकी मजार बना रही है।

सिर्फ रचनात्मक कार्यो एवं मूल कार्यो का ही आंकलन करना चाहिए। क्लास रूम शिक्षा का हर स्थिती में पूरा पूरा ध्यान रखना चाहिए।

शिक्षकों के प्रमोशन को समयबद्ध तरीके से स्वत: ही दी जानी चाहिये तथा शिक्षकों को वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन देना चाहिए तथा वरिष्ठतम शिक्षक को ही स्वत: उच्चतम प्रमोशन दे देना चाहिए जिससे शिक्षकों का शिक्षा जगत से पलायन रूक सके। इसके साथ वरिष्ठता को आधार मानने के कारण भ्रष्टाचार के अन्य रास्ते भी बन्द हो जायेंगे।

डॉ. योगेश शर्मा

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