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सुहाना सफर

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जिंदगी में एक पल मेरे पास ना बैठा,
आज सब मेरे पास बैठे रो रहे थे…..,,

कोई टुकड़ा देने वाला नही था दोस्तों,
पर आज फूलों की वर्षा कर रेहे थे,

तरसता था मै एक नए कपड़े के लिए,
पर आज नए नए पोशाक पहनए जा रहे थे,

कल तक एक कदम साथ को ना कोई ने था,
पर आज जलसा बनकर जां रहे थे…..

जिस कूचे से हमें नफरत थी,
आज वही आशियाना तलाश रहे हे.

आज देखा, मौत इतनी हसीन होती हे,
हम तो पागलपन में जिये जा रहे थे…….!!

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